Sunday, November 6, 2011

धरती पर स्थित ''जाग्रत त्रिकोण'' में कुछ दिन के लिए अस्थायी परिवर्तन होने वाला है.


हम बहुत जल्द कुछ दिनों के लिए दिल्ली से बाहर जा रहे हैं.मेरे पिताश्री बाबा केदारनाथ जी ( परमात्मा 'शिव' जी ) ने मुझे दिल्ली से दक्षिण दिशा की ओर कुछ दिनों के लिए जाने के लिए बोला है।


दक्षिण भारत की यात्रा में मुझे धरती के ऊपर स्थित 'जाग्रत त्रिकोण' (उर्ध्वमुखी त्रिकोण) और धरती के अन्दर 'अधोमुखी त्रिकोण'(ब्लैक करेंट वाले त्रिकोण ) के बिच उत्पन्न आपसी 'इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तरंगो' के घर्षण से उत्पन्न परिस्थितियों का अध्ययन करना होगा.

इन उर्ध्वमुखी और अधोमुखी त्रिकोण के आपसी सम्बन्ध के आधार पर ही धरती का संतुलन "मूलबैलेंस" निर्भर करता है...
इन दोनों प्रकार के त्रिकोण के आपसी संतुलन के समानुपातिक अनुपात से ही धरती के अन्दर की प्रकृति और धरती के ऊपर की प्रकृति में प्राकृतिक संतुलन हो सकता है।


जब भी धरती के ऊपर स्थित त्रिकोण गतिमान होगा.तब धरती की प्रकृति में तीव्रता से परिवर्तन होगा ही होगा.

'बिधाता' के इस आदेश से 'बाबा'(परमात्मा) अपनी सभी 'मूलशक्तियों' के साथ दिल्ली के तरफ से दक्षिण दिशा में कुछ दिनों के लिए पहुचेंगे.जिससे धरती की प्रकृति में अचानक तीव्रता से दबाव बढेगा।

इसके परिणामस्वरुप सारी धरती पर प्रकृति में अचानक परिवर्तन साफ-साफ दिखलाई पड़ेगा.

स्पस्ट रूप से सका प्रभाव अमेरिका समेत सभी यूरोपीय देशो और भारत के उत्तर के देशो पर तेजी से अपना परिणाम देने लगेगा।

बैज्ञानिको द्वारा अनुमानित सभी गणनाओ के उलट अप्राकृतिक घटनाक्रम निरंतर होने लगेंगी और इसका कारण बैज्ञानिको के समझ से बाहर होगा. मौसम की अचानक मार से इन्हे गुजरना होगा.इनके द्वारा संसार पर थोपी गयी 'ग्लोबल वार्मिंग' इनके ऊपर ही सबसे पहले अपना असर दिखलाएगी.

यह अत्याधुनिक बैज्ञानिको के हरकतों द्वारा जन्मे गये 'ग्लोबल वार्मिग ' से 'विकृत' हो चुकी 'प्रकृति को मूल प्रकृति' में परिवर्तित करने के लिए निहायत ही जरूरी हो गया है.

बाबा के आदेश दिए जाने के बाद से ही प्रकृति से धरती के कुछ हिस्से से अचानक हल्के-फुल्के समाचार आने प्रारंभ हो गये हैं.

धरती के ऊपर भारत भूमि पर स्थित यह 'उर्ध्वमुखी जाग्रत त्रिकोण' (Live Triangle) का दिल्ली वाला कोण (Angle) अब दक्षिण की ओर अस्थायी रूप से मूव करेगा.

यह समाचार धरती के सभी मानवों के लिए है.क्योकि यह बिधाता द्वारा द्वारा नियोजित है.
इस बारे में ज्यादा जानने के लिए आप सभी का इस लिंक पर स्वागत है.....

www.shivputraekmission.org

(इसमे आपको 'जाग्रत त्रिकोण" से सम्बंधित जानकारी मिल जाएगी.)
(
अभी यह वेबसाइट अपने निर्माण प्रक्रिया में है.बहुत आवश्यक समझकर इसका लिंक आपको दिया जा रहा है.यह लिंक सेफ जरुर कर लीजिये. यह समय-समय पर सुचना और सन्देश के लिए काम आएगा.और आप भी वर्तमान घटनाक्रमों को इस धरती पर घटित हुए पा सकेंगे.यह साईट आपका ही है.आपके लिए ही है.किसी के कोई प्रचार के लिए नही है.)

जल्दबाजी न करे.जब 'प्रकृति से परिवर्तन की घटनाये' आने लगे तब इस लिंक पर जाकर जरुर से देख लिया करे.
कुछ -कुछ बिधाता के द्वारा वर्तमान कालखंड में घटित हो रहे सन्देश और सुचना प्राप्त होता रहेगा.

धरती के विकृतप्रकृति से मूलप्रकृति में परिवर्तन के अतिमहत्वपूर्ण कार्यब्यस्तता के कारण प्रकृति और धरती की रक्षा से समय जैसे ही मिलता रहेगा .

हम इस अत्याधुनिक मानव समाज तक प्रकृति में परिवर्तन से सम्बन्धित समाचार इस website link और अपने facebook के अपने wallpost के माध्यम से सारे जगत के सामने पहुचाते रहेंगे.
धरती के ऊपर और अन्दर की प्रकृति तथा देशो के रास्ट्रीय - अंतररास्ट्रीय घटनाओं पर अपनी तेज नजर जरुर बनाये रखें..
आप सभी को धन्यवाद्....
.......
''प्रथम मानव शरीरधारी 'अघोर शिवपुत्र''...

कृपया आगे का समाचार जानने के लिए इस लिंक का उपयोग करे.
www.shivputraekmission.org

pl इ -मेल करे....... shivputra_ekmission@yahoo.co.in

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